जनता की स्वीकृति से और मत से सत्ता में बैठकर जनता की हत्या पर अट्टहास करना यमराज को भी गवारा नहीं।
2.
इसलिए व्यक्ति को हँसी के पलों का पूरा मजा लेना चाहिए यानी दिल खोलकर हँसना चाहिए, ठहाके लगाना चाहिए, अट्टहास करना चाहिए।
3.
हंसना तो खुशी का प्रतीक है इसपर कोई रोक कैसे हो सकती है पर अट्टहास करना लड़कों के लिये भी अशिष्टता और बेशर्मी ही है.
4.
राम ने बंदूक तान रखी है मणिरत्नम् की सीता दुविधा में है बीच में आ कर खड़ी हो गई है अब राम दुविधा में है वह घोड़ा दबाए या न दबाए रावण को कायदे से यहाँ अट्टहास करना चाहिए था लेकिन उस के दसों चेहरे क्रोध से लाल हो रहा है दसों चेहरों से पसीना टपक रहा है और मक्खियाँ हैं कि चेहरों के इर्द-गिर्द मंडरा रही हैं